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शनिवार, 21 जनवरी 2012

तलाश.......!!!


कागज़ पर रेंगती कलम
रौंदती चली गयी
हर लफ्ज़ कों

तलाश थी ...!!

उस लफ्ज़ की
बन जाए इन्द्रधनुष
छलक कर सारी स्याही

तलाश थी ...!!

उस लफ्ज़ की
बन जाए अंगार
तड़प कर सारी स्याही

तलाश थी बस ...!!

उस लफ्ज़ की
छूते ही बन जाए तेरी कविता
पिघल कर सारी स्याही

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